बड़ी देर से पहुंचा हूँ दिलों के घराने में
थम न जाये धडकनें उसे मनाने में!
दिनों ढल गये 'जां' को पास बुलाने में
वक्त तो लगता है मोहब्बत आज़माने में
मैं राही नया हूँ इस सफर पुराने में
कुछ शामें लगेंगी मंजिल पे आने में
बेसुधी छाएगी जब आके बैठेगी सिरहाने में
थम न जाये धडकनें उसे मनाने में!
दिनों ढल गये 'जां' को पास बुलाने में
वक्त तो लगता है मोहब्बत आज़माने में
मैं राही नया हूँ इस सफर पुराने में
कुछ शामें लगेंगी मंजिल पे आने में
बेसुधी छाएगी जब आके बैठेगी सिरहाने में
तकलीफ़ खूब होगी तब खुद को सुलाने में
है अपना ही मज़ा इश्क बेधड़क चलाने में
पूरी ताक़त खर्च होगी उसे रोते से हँसाने में
आनंद बेमिसाल है माशूक के केश सहलाने में
नशा सा है प्रेम के हर गीत, हर तराने में
वक़्त लाज़िम किसे जब साथ हों वीराने में!
उमर बीत जाये चाहे मज़ाकिया सताने में
परवाह नहीं नतीजे की अब ज़माने में
खुदा का साया है उसके रूठने-मनाने में
--
'हितैषी'
है अपना ही मज़ा इश्क बेधड़क चलाने में
पूरी ताक़त खर्च होगी उसे रोते से हँसाने में
आनंद बेमिसाल है माशूक के केश सहलाने में
नशा सा है प्रेम के हर गीत, हर तराने में
वक़्त लाज़िम किसे जब साथ हों वीराने में!
उमर बीत जाये चाहे मज़ाकिया सताने में
परवाह नहीं नतीजे की अब ज़माने में
खुदा का साया है उसके रूठने-मनाने में
--
'हितैषी'
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