'हितैषी'
:)
Monday, January 14, 2013
'नीरज' महिमा
आत्मा के सौंदर्य का, शब्द-रूप है काव्य
मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य
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महा-कवि गोपालदास 'नीरज'
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जीवन की अपूर्ण मृगतृषा का सोमरस है काव्य
जन्म मिलना भाग्य है, 'नीरज' मिलना सौभाग्य
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'हितैषी'
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