ज़िंदगी संग रोज़ के मुलाक़ात सोच रखे हैं
हर जगह तुम्हारे ही ख्यालात सोच रखे हैं
तेरे हुस्न के साये में खुद को ही छुपा लूँ मैं
दिल ने कुछ ऐसे रूमानी अंदाज़ सोच रखे हैं
आज की रात सिर्फ सितारों की रहेगी रात
चाँद होगा पास मेरे - जज़्बात सोच रखे हैं
मदहोश कर रहा है तेरे रूप का तिलिस्म
शब आज की आइनों ने नकाब ओढ़ रखे हैं
कतरा कतरा ओस से तेरी मैं प्यास बुझाऊँ
तुम क्या जानो कैसे-२ हालात सोच रखे हैं!
ज़मीन और आसमान भी जो कम पड़े तो
मैंने तेरे लिये दिन और रात सोच रखे हैं
--
'हितैषी'
January 2
हर जगह तुम्हारे ही ख्यालात सोच रखे हैं
तेरे हुस्न के साये में खुद को ही छुपा लूँ मैं
दिल ने कुछ ऐसे रूमानी अंदाज़ सोच रखे हैं
आज की रात सिर्फ सितारों की रहेगी रात
चाँद होगा पास मेरे - जज़्बात सोच रखे हैं
मदहोश कर रहा है तेरे रूप का तिलिस्म
शब आज की आइनों ने नकाब ओढ़ रखे हैं
कतरा कतरा ओस से तेरी मैं प्यास बुझाऊँ
तुम क्या जानो कैसे-२ हालात सोच रखे हैं!
ज़मीन और आसमान भी जो कम पड़े तो
मैंने तेरे लिये दिन और रात सोच रखे हैं
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'हितैषी'
January 2
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