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Sunday, March 31, 2013

तुम्हारे ही ख्यालात सोच रखे हैं

ज़िंदगी संग रोज़ के मुलाक़ात सोच रखे हैं 
हर जगह तुम्हारे ही ख्यालात सोच रखे हैं 

तेरे हुस्न के साये में खुद को ही छुपा लूँ मैं 
दिल ने कुछ ऐसे रूमानी अंदाज़ सोच रखे हैं 

आज की रात सिर्फ सितारों की रहेगी रात 
चाँद होगा पास मेरे - जज़्बात सोच रखे हैं 

मदहोश कर रहा है तेरे रूप का तिलिस्म 
शब आज की आइनों ने नकाब ओढ़ रखे हैं

कतरा कतरा ओस से तेरी मैं प्यास बुझाऊँ
तुम क्या जानो कैसे-२ हालात सोच रखे हैं!

ज़मीन और आसमान भी जो कम पड़े तो
मैंने तेरे लिये दिन और रात सोच रखे हैं

--
'हितैषी'

January 2

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