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Sunday, May 12, 2013

ले कर दिल वापिस इत्मीनान से चले गये


ले कर दिल वापिस इत्मीनान से चले गये
वो करके सौदा प्यार का दुकान से चले गये

अब उठने लगा है मन तो शहर देखना क्या!
सब कुछ छोड़ अपना हम मकान से चले गये

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'हितैषी'

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