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Monday, September 2, 2013

वफ़ा निभाना तुमसे

बुलाते ही आ जायेंगे परिन्दे रात में भी 
वफ़ा निभाना तुमसे कौन नहीं चाहेगा!
हटाओगे जो चिलमन अँधेरे में चेहरे से 
परवानों का झुण्ड वहीँ आकर मंडराएगा 

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© विकास प्रताप सिंह 'हितैषी'

58 minutes ago

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