चाँद ये निकलता है
......... तेरे दीदार में
सूरज भी जलता है
........ तेरे इंतज़ार में
बादल जो बरसता है
....... तो तेरे दुलार में
और, हम तरसे हैं कितना
....... तेरे प्यार में
तुझे मालूम नहीं ।।
--
विकास प्रताप सिंह 'हितैषी'
--
26/05/2012
......... तेरे दीदार में
सूरज भी जलता है
........ तेरे इंतज़ार में
बादल जो बरसता है
....... तो तेरे दुलार में
और, हम तरसे हैं कितना
....... तेरे प्यार में
तुझे मालूम नहीं ।।
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विकास प्रताप सिंह 'हितैषी'
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26/05/2012
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