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Sunday, November 18, 2012

कवि श्रेणियां

प्रकृति भव्यता रूपण जो शब्दों में लाया 
प्रथम कोटि कवि कहलाया 

लिखा तब-२ जब कामदेव ने बाण चलाया
द्वितीय कोटि कवि कहलाया 

दिल का दर्द कोई पन्नों पे उभार-२ लाया 
तृतीय कोटि कवि कहलाया 

जीवन वर्णन को जिसने लेखनी बनाया 
चतुर्थ कोटि कवि कहलाया

वीर-रस अतुल पिला जिसने बाजू फड़काया
पंचम कोटि कवि कहलाया

पढ़ जिसे भक्ति भाव मन उमड़-उमड़ आया
षष्ठी कोटि कवि कहलाया

कलमकार ने जो कभी समर्पण भाव जगाया
सप्तम कोटि कवि कहलाया

पंक्तियों ने किसी की वीभत्स तांडव मचाया
अष्टम कोटि कवि कहलाया

सर्व-कोटि कवियों को इस नव-कवि का प्रणाम
है आशीष लेने को आया

--
'हितैषी'





(30 अक्टूबर 2012)

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