प्रकृति भव्यता रूपण जो शब्दों में लाया
प्रथम कोटि कवि कहलाया
लिखा तब-२ जब कामदेव ने बाण चलाया
द्वितीय कोटि कवि कहलाया
दिल का दर्द कोई पन्नों पे उभार-२ लाया
तृतीय कोटि कवि कहलाया
जीवन वर्णन को जिसने लेखनी बनाया
प्रथम कोटि कवि कहलाया
लिखा तब-२ जब कामदेव ने बाण चलाया
द्वितीय कोटि कवि कहलाया
दिल का दर्द कोई पन्नों पे उभार-२ लाया
तृतीय कोटि कवि कहलाया
जीवन वर्णन को जिसने लेखनी बनाया
चतुर्थ कोटि कवि कहलाया
वीर-रस अतुल पिला जिसने बाजू फड़काया
पंचम कोटि कवि कहलाया
पढ़ जिसे भक्ति भाव मन उमड़-उमड़ आया
षष्ठी कोटि कवि कहलाया
कलमकार ने जो कभी समर्पण भाव जगाया
सप्तम कोटि कवि कहलाया
पंक्तियों ने किसी की वीभत्स तांडव मचाया
अष्टम कोटि कवि कहलाया
सर्व-कोटि कवियों को इस नव-कवि का प्रणाम
है आशीष लेने को आया
--
'हितैषी'
वीर-रस अतुल पिला जिसने बाजू फड़काया
पंचम कोटि कवि कहलाया
पढ़ जिसे भक्ति भाव मन उमड़-उमड़ आया
षष्ठी कोटि कवि कहलाया
कलमकार ने जो कभी समर्पण भाव जगाया
सप्तम कोटि कवि कहलाया
पंक्तियों ने किसी की वीभत्स तांडव मचाया
अष्टम कोटि कवि कहलाया
सर्व-कोटि कवियों को इस नव-कवि का प्रणाम
है आशीष लेने को आया
--
'हितैषी'
(30 अक्टूबर 2012)
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