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Sunday, November 18, 2012

इलाज किसी मर्ज़ का हम भी तो करें

इलाज किसी मर्ज़ का हम भी तो करें 
कोई हमारे भी इश्क़ में फ़ना हो 
किसी की दवा हम भी तो करें 
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'हितैषी'
(05 नवम्बर 2012)


डूबा जो तुझ में तो अब तक पी रहा हूँ मैं 
कि बिन तेरे रोज़ मरकर भी जी रहा हूँ मैं 
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'हितैषी'
(06 नवम्बर 2012)

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