इलाज किसी मर्ज़ का हम भी तो करें
कोई हमारे भी इश्क़ में फ़ना हो
किसी की दवा हम भी तो करें
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'हितैषी'
(05 नवम्बर 2012)
डूबा जो तुझ में तो अब तक पी रहा हूँ मैं
कि बिन तेरे रोज़ मरकर भी जी रहा हूँ मैं
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'हितैषी'
(06 नवम्बर 2012)
कोई हमारे भी इश्क़ में फ़ना हो
किसी की दवा हम भी तो करें
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'हितैषी'
(05 नवम्बर 2012)
डूबा जो तुझ में तो अब तक पी रहा हूँ मैं
कि बिन तेरे रोज़ मरकर भी जी रहा हूँ मैं
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'हितैषी'
(06 नवम्बर 2012)
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