'हितैषी'
:)
Tuesday, June 26, 2012
बूँदें
दो ही तरह के सावन हैं जवानी में
सुख औ' दुःख ही मौसम हर कहानी में
कभी अम्बर से टपकती बूँदें हैं
कभी आँखों से छलकती बूँदें हैं
--
विकास प्रताप सिंह
'हितैषी'
--
LIKE me @ -->
https://www.facebook.com/VPS.hitaishi
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment