'हितैषी'
:)
Saturday, June 9, 2012
छलकने दे इश्क
दरिया-ए-मोहब्बत में डूब जाने दे मुझे, जुर्म नहीं है...
छलकने दे इश्क, साकी, इस पैमाने की कोई उम्र नहीं है
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विकास प्रताप सिंह
'हितैषी'
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05/06/2012
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